यह शब्दों का जाल है, ज़रा रहिएगा बच कर, चाशनी में लिपटा हुआ है, ज़्यादा मीठा भी होता है कभी कभी जानलेवा, ध्यान इस बार का भी ज़रा रखिएगा, कब फंदा डाल दे कोई इस जाल का आपके ऊपर, नज़रें घुमाते रहिएगा चारों तरफ, शिकारी बहुत चालाक है, कैसे आपको शब्दों के मीठे जाल में फंसा सके, बैठा है घात लगाए इसी ताक में, फंस गए इसके जाल में अगर, तो निकलना होगा मुश्किल बहुत, फंदा कसता चला जायेगा , रहिएगा सावधान रहिएगा होशियार, यह शब्दों का जाल है। ©purvarth #wordsbyheart