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green-leaves झुकने की अदा से तुम, कभी छोटे नहीं ह

green-leaves झुकने की अदा से तुम, 
कभी छोटे नहीं होगे, 
जहाँ झुकने से बात बन जाये
वहाँ झुक कर मना लेना। 
ये वो जमाना है
जहाँ रिश्ते नही चलते,
जहाँ तक साथ दे अपने
वहाँ तक साथ दे देना। 
भरोशा इतना ही करना
कि आंखे खोल कर रखना, 
जहाँ कोई साथ छोड़ना चाहे, 
मुस्कुराकर अलविदा कहना।

©snigdha rudra मुस्कान
green-leaves झुकने की अदा से तुम, 
कभी छोटे नहीं होगे, 
जहाँ झुकने से बात बन जाये
वहाँ झुक कर मना लेना। 
ये वो जमाना है
जहाँ रिश्ते नही चलते,
जहाँ तक साथ दे अपने
वहाँ तक साथ दे देना। 
भरोशा इतना ही करना
कि आंखे खोल कर रखना, 
जहाँ कोई साथ छोड़ना चाहे, 
मुस्कुराकर अलविदा कहना।

©snigdha rudra मुस्कान