बेटी से बहू तक का सफर संघर्षों मे भी पलके वो खुद को शान्त दिखाती है..!! हर दर्द को सह कर वो फिर भी मुस्कराती है..!! हर चीज़ को वो बड़े बारीकी से करती है..!! कभी कोई ताना ना मारे वी इस बात से घबराती है..!! भूखे पेट खुद सो जाती है पर अपनों को भर पेट खिलाती है..!! एक घर की राजकुमारी अपने ससुराल को स्वर्ग बनाती है..!! एक बेटी से होकर एक बहू होने का सारा फर्ज निभाती है..!! ©Khushboo Upadhyay #BETI SE BAHU TK KA safar