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खामोशी की बर्फ़ कैसे पिघले दोनों अपनी ज़िद अड़े आ


खामोशी की बर्फ़
कैसे पिघले
दोनों अपनी ज़िद अड़े
आमने सामने तो हैं,
फिर भी कोसों दूर खड़े,
मुश्किल को,
और जटिल मत बनाओ,
अरे बातचीत कर,
उलझन को सुलझाओ
बर्फ़ पिघलाओ,
अपने अहम से बाहर आओ
ज़िन्दगी बेहद ख़ूबसूरत है... 
खामोशी की बर्फ़
कैसे पिघले
दोनों अपनी ज़िद अड़े
आमने सामने तो हैं,
फिर भी कोसों दूर खड़े,
मुश्किल को,
और जटिल मत बनाओ,

खामोशी की बर्फ़
कैसे पिघले
दोनों अपनी ज़िद अड़े
आमने सामने तो हैं,
फिर भी कोसों दूर खड़े,
मुश्किल को,
और जटिल मत बनाओ,
अरे बातचीत कर,
उलझन को सुलझाओ
बर्फ़ पिघलाओ,
अपने अहम से बाहर आओ
ज़िन्दगी बेहद ख़ूबसूरत है... 
खामोशी की बर्फ़
कैसे पिघले
दोनों अपनी ज़िद अड़े
आमने सामने तो हैं,
फिर भी कोसों दूर खड़े,
मुश्किल को,
और जटिल मत बनाओ,

खामोशी की बर्फ़ कैसे पिघले दोनों अपनी ज़िद अड़े आमने सामने तो हैं, फिर भी कोसों दूर खड़े, मुश्किल को, और जटिल मत बनाओ, #yqhindi #yqquotes #yqकुलभूषण #yqखामोशी #yqउलझन