हाथ में चिलम,गले में हार है कपाल का, आदि है, अनंत है, ज़बाब हर सवाल का, श्मशान में हूं रहता,तन पे भस्म को लपेटकर.. मृत्यु का ना भय मुझे, मैं भक्त महाकाल का #mahashivratti #mahadev #mahakaal