जा को जोगी खोजत हारे पायो नह तह पारो।। सो स्वामी तुम निकट पछानो रूप रेख ते न्यारा।। अर्थ:- जिस परमात्मा से मिलने के लिए अनेक जोगी उसे खोज खोज के हार गये पर उसका उरवार-पार नहीं जान सके ऐसे निराकार परमात्मा प्रकाश को तुम अपनी आंख के साहमने जानो ओर उस निराकार प्रकाश को पछाण कर देखो जो रूप रेखा से यानी शरीरिक रूप रेखा से परे है ओर जो सन्तो द्वारा बताई नाम ध्यान की विधि से मिलता है।। ©Biikrmjet Sing #स्वामी