Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी हथेलियों क़ी चिकनाहट मे मेरी लकीरे फिसल रही

मेरी हथेलियों  क़ी चिकनाहट  मे मेरी लकीरे  फिसल रही है
शायद इसीलिए  अपनी किस्मत का फैसला अपने  हक मे नहीः हुआ है

नफरत के ज़हरीले  बीजो  मे पूरी बस्ती.को विषैला बना दिया है
इसिलए  प्यार क़ी मिठास का  भी कड़वाहट मे
रूपांतरण हो गया है

©Parasram Arora रूपांतरण
मेरी हथेलियों  क़ी चिकनाहट  मे मेरी लकीरे  फिसल रही है
शायद इसीलिए  अपनी किस्मत का फैसला अपने  हक मे नहीः हुआ है

नफरत के ज़हरीले  बीजो  मे पूरी बस्ती.को विषैला बना दिया है
इसिलए  प्यार क़ी मिठास का  भी कड़वाहट मे
रूपांतरण हो गया है

©Parasram Arora रूपांतरण

रूपांतरण #कविता