कोई बता दे उसे.. वो कैसे दिल में गयी उतर जबसे देखा है उसे और कुछ नहीं देखती है नजर जाने कहाँ है उसका घर मैं ढूंढ़ता रहा उसे उसे गली-गली शहर-शहर जब वो दिखे राहो मे दर्द सारे हो जाते बेअसर उसकी ढूंढने खबर ढल जाती शामें मेरी बीत जाती है दोपहर कोई बता दे उसे वो कैसे दिल में गयी उतर काश! कोई उड़ता कबूतर पहुंचा जाए उसकी उडती खबर जब भी वो देखे मुझे काश! उसकी भी आँखे मुझ पर जाए ठहर कोई बता दे उसे वो कैसे दिल में गयी उतर--अभिषेक राजहंस कोई बता दे उसे...