वो छुप छुपके मिलने वाले दिन भी अच्छे हुआ करते थे जमाने से बचने के जुगाड़ भी बहुतेरे हुआ करते थे तेरा घर से निकलना और मेरा तेरे पहरे में दूर दूर से चलना भी अच्छा हुआ करते थे वो जमाना और इश्क सयाना बड़ा अच्छे से जिया करते थे जब हम तुमसे मिलके खुदको आशिक समझा करते थे , वो दिन भी ज़िंदगी के बड़े अच्छे हुआ करते थे .... these are true lines of my life which i wrote today #neerajwrites #yqbaba #yqdada