In friendship दोस्त क्या है..... कभी आईना है तो कभी परछाई है.... कभी जिगर का टुकडा है तो हरजाई है.... कभी खोटा सिक्का है ,तो कभी तिजोडी है... कभी पंचिङ बैग है तो कभी हमजोली है थक जाउं कभी तो, उसके कंधे पर सो लेती हुँ... दर्द हो दिल में कभी, तो गले लग रो लेती हुँ .... गलती मेरी हो तो भी, हक से लड लेती हुँ... रुठ जाए कभी तो, पिछे पड मना लेती हुँ... पल पल का किस्सा उसके दिल में लिख देती हुँ.... हर गम भूल , उससे मुस्कुराना सिख लेती हुँ.... मेरी मुस्कान है , मेरी जान है.... ये दोस्त ही तो , मेरा ईमान है... #most precious relation of my life#