कितना बदल गया इंसान पढ़े लिखो की बस्ती में जब पहुँचा एक बेज़ुबान, भूख लगी थी तेज उसे और बच्चा था उसका नादान, सोचा था उस हथनी ने की कितने भले होते है इंसान, निश्चय ही उनके हृदय मे होगी मानवता की धार, यही सोच कर चली थी वो कुछ पढ़े लिखो के संसार , पर उसे मालूम न था की कितना बदल गया इंसान, बेखबर इन बातों से वो चली आयी इन हैवानो के पास, और देख एक फल उसे हुआ इस बात का आभास, पर इस बात से वो थी बिल्कुल अनजान की कितना बदल गया इंसान, हैवानियत का पता चला उसे उस फल को खाने के बाद फट गया जबड़ा उसका और टूट गए जब सारे दांत , तीन दिनों तक तड़पती रही देख इंसानो का ये काम, की कितना बदल गया इंसान की कितना बदल गया इंसान हार गई वो जंग जीवन की पर किया नही किसे को परेशान , त्याग दिया दो बजेजुबानो ने ये पापी संसार, की कितना बदल गया इन्सान कितना बदल गया इन्सान।। #Kerala # Cruelty #elephant