Nojoto: Largest Storytelling Platform

गुड्डी सी उड़ती जीवन काया शहद पिलाती थी '"महामाया"

गुड्डी सी उड़ती जीवन काया
शहद पिलाती थी '"महामाया" 
पात्र जो छूटा, सब जग रूठा

बचपन नहीं रहा अब भींत
मृग सा प्यासा उसको ढूँढू
बतादो तुम, कहाँ हो मीत ?

बिसर गया जीवन से रंजन
शेष नहीं अब इसका गुँजन
जीवन है अब अकथ परिश्रम 
धूरी खा हँफ्नाए यौवन

पर 
रक्षित था मैं, रक्षक था बनना
गरल बुझा, अमृत सा बनना
ज़िम्मेदारियों की बोरी ओढ़ी
बचपन सपनों में, मेरी सहेली।। गुड्डी(पतंग) सी उड़ती जीवन काया
शहद पिलाती थी '"महामाया" (सदाशिव को दूध पिलाने वाली महादेवी)
पात्र जो छूटा, सब जग रूठा

बचपन नहीं रहा अब भींत (पास/भीतर)
मृग सा प्यासा उसको ढूँढू
बतादो तुम, कहाँ हो मीत ?
गुड्डी सी उड़ती जीवन काया
शहद पिलाती थी '"महामाया" 
पात्र जो छूटा, सब जग रूठा

बचपन नहीं रहा अब भींत
मृग सा प्यासा उसको ढूँढू
बतादो तुम, कहाँ हो मीत ?

बिसर गया जीवन से रंजन
शेष नहीं अब इसका गुँजन
जीवन है अब अकथ परिश्रम 
धूरी खा हँफ्नाए यौवन

पर 
रक्षित था मैं, रक्षक था बनना
गरल बुझा, अमृत सा बनना
ज़िम्मेदारियों की बोरी ओढ़ी
बचपन सपनों में, मेरी सहेली।। गुड्डी(पतंग) सी उड़ती जीवन काया
शहद पिलाती थी '"महामाया" (सदाशिव को दूध पिलाने वाली महादेवी)
पात्र जो छूटा, सब जग रूठा

बचपन नहीं रहा अब भींत (पास/भीतर)
मृग सा प्यासा उसको ढूँढू
बतादो तुम, कहाँ हो मीत ?
arsh1145292537229

Arsh

Bronze Star
New Creator

गुड्डी(पतंग) सी उड़ती जीवन काया शहद पिलाती थी '"महामाया" (सदाशिव को दूध पिलाने वाली महादेवी) पात्र जो छूटा, सब जग रूठा बचपन नहीं रहा अब भींत (पास/भीतर) मृग सा प्यासा उसको ढूँढू बतादो तुम, कहाँ हो मीत ? #Love #Emotion #Childhood #SAD #HindiPoem #hurt #kavita #bachpan #Arsh