Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक अधूरी रात के बाद, नींद भरी मुसकान के साथ, जब का

एक अधूरी रात के बाद,
नींद भरी मुसकान के साथ,
जब कानों में फुसफुसाते हो,
"ठीक से जाना,अच्छे से रहना",
मन की खींची लक्ष्मण-रेखाएँ,
बड़ी सुगमता से तोड़ जाते हो।
                                     मैं भी इतना ही कह पाती हूँ,
                                     ठीक से रहना,फिर आती हूँ,
                                     ये कह कर कुछ शिकायतें,
                                     अपने पीछे छोड़ जाती हूँ ।
                                     खारी-मीठी दो मुसकान लिए,
                                     प्यार से आगे बढ़ जाती हूँ। एक अधूरी रात के बाद,
नींद भरी मुसकान के साथ,
जब कानों में फुसफुसाते हो,
"ठीक से जाना,अच्छे से रहना",
मन की खींची लक्ष्मण-रेखाएँ,
बड़ी सुगमता से तोड़ जाते हो।

मैं भी इतना ही कह पाती हूँ,
एक अधूरी रात के बाद,
नींद भरी मुसकान के साथ,
जब कानों में फुसफुसाते हो,
"ठीक से जाना,अच्छे से रहना",
मन की खींची लक्ष्मण-रेखाएँ,
बड़ी सुगमता से तोड़ जाते हो।
                                     मैं भी इतना ही कह पाती हूँ,
                                     ठीक से रहना,फिर आती हूँ,
                                     ये कह कर कुछ शिकायतें,
                                     अपने पीछे छोड़ जाती हूँ ।
                                     खारी-मीठी दो मुसकान लिए,
                                     प्यार से आगे बढ़ जाती हूँ। एक अधूरी रात के बाद,
नींद भरी मुसकान के साथ,
जब कानों में फुसफुसाते हो,
"ठीक से जाना,अच्छे से रहना",
मन की खींची लक्ष्मण-रेखाएँ,
बड़ी सुगमता से तोड़ जाते हो।

मैं भी इतना ही कह पाती हूँ,