अंदर से मीठा मिश्री सा बाहर से तीखा है हैं रंग हजारों खुशियों के इंद्रधनुष भी फीका है वो जो हस कर मार देता है ख्वाहिशें अपनो की खातिर मैंने उस पिता से मुस्कुराना सीखा है ©Bhuvnesh Chakrawal #Papa #Love #Family #Nojoto #shayri #Hindi #bhuvneshchakrawal