मन्नत का धागा वो मन्नत का धागा अभी भी उस पेड़ की डाली से लटका है जिसमे मैने खुदा से, तेरी खैरियात की दुआ की थी वो मन्नत का धागा आज भी मुझे तेरी उस झलक की याद दिलाता है जिसे हमने सदा खुशमिजाज देखने की दुआ की थी वो मन्नत का धागा आज भी हवाओं के बहाव से लहराता है जैसे तेरी एक आवाज़ सुनकर, हम मुस्कराकर झूम उठते थे वो मन्नत का धागा अभी भी मुझे उन हसीन पलों की याद दिलाता है ,जो हमने तेरे संग गुजारे थे जिनके एक पल में मैने हज़ार पल जी लिए थे वो मन्नत का धागा आज भी मुझे उन सारी मुरादो की याद दिलाता है जिनकी हर एक चाह में मैंने तुझे सजदे में मांगा था वो मन्नत का धागा आज भी वहीं बांधा हुआ है,जिसकी हर एक गांठ पास ना होकर भी , तेरे मेरे रिश्ते के मजबूत होने प्रमाण देती है _नफ़्स-ए-नंदिनी मन्नत का धागा ।