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भांति भांति के फूल है भांति भांति के अन्न,,, कई तर

भांति भांति के फूल है भांति भांति के अन्न,,,
कई तरह के पशु पक्षी कई तरह के वन,,,
परमात्मा ने सजाया धरती को कतरा कतरा,,,
जर्रा जर्रा खुशबू से बिखेरा,,,
कण-कण में भी नहीं हुई कुछ भूल,,,,
कहीं सागर की गहराई,, कहीं पर्वतों की ऊंचाई,,,
सुंदरता उकेर दी चहुँ ओर,,,,
मानव ने स्वार्थ की भेंट चढ़ा डाला,,,
इस धरा को,,,,
वन को काट भवन बना डाले,,,,
उपजाऊ भूमि को बंजर बना डाला,,,,
खेत खलियान में उद्योग लगा डालें,,, 
बेचारे पंछी भी भटकते बसेरे के लिए,,,, 
पशु भी अब भूख की तृप्ति के लिए,,,, 
शहरों की तरफ भागे,,,,,
ग्लेशियर अब पिघल रहे पहाड़ अब टूट रहे,
कहीं सुनामी कहीं बाढ़,,,
जन्नत जैसी पृथ्वी का कर दिया तूने क्या हाल,,,,
पापी मानव अब तो भुगत रहा,,,
जिन पैसों के लिए तूने हरी-भरी धरा को नुकसान पहुंचाया,,,
आज वह पैसा भी तेरे काम नहीं आया,,, स्वर्ग से सुंदर यह धरती अंबर आकाश,,,,
जर्रे जर्रे में है परमात्मा का एहसास,,,
यह धरती फिर से हो जाए हरी-भरी काश,,,
सब खुल कर ले फिर से सांस,,,,,



#greenplanet
भांति भांति के फूल है भांति भांति के अन्न,,,
कई तरह के पशु पक्षी कई तरह के वन,,,
परमात्मा ने सजाया धरती को कतरा कतरा,,,
जर्रा जर्रा खुशबू से बिखेरा,,,
कण-कण में भी नहीं हुई कुछ भूल,,,,
कहीं सागर की गहराई,, कहीं पर्वतों की ऊंचाई,,,
सुंदरता उकेर दी चहुँ ओर,,,,
मानव ने स्वार्थ की भेंट चढ़ा डाला,,,
इस धरा को,,,,
वन को काट भवन बना डाले,,,,
उपजाऊ भूमि को बंजर बना डाला,,,,
खेत खलियान में उद्योग लगा डालें,,, 
बेचारे पंछी भी भटकते बसेरे के लिए,,,, 
पशु भी अब भूख की तृप्ति के लिए,,,, 
शहरों की तरफ भागे,,,,,
ग्लेशियर अब पिघल रहे पहाड़ अब टूट रहे,
कहीं सुनामी कहीं बाढ़,,,
जन्नत जैसी पृथ्वी का कर दिया तूने क्या हाल,,,,
पापी मानव अब तो भुगत रहा,,,
जिन पैसों के लिए तूने हरी-भरी धरा को नुकसान पहुंचाया,,,
आज वह पैसा भी तेरे काम नहीं आया,,, स्वर्ग से सुंदर यह धरती अंबर आकाश,,,,
जर्रे जर्रे में है परमात्मा का एहसास,,,
यह धरती फिर से हो जाए हरी-भरी काश,,,
सब खुल कर ले फिर से सांस,,,,,



#greenplanet
vandana6771

Vandana

New Creator

स्वर्ग से सुंदर यह धरती अंबर आकाश,,,, जर्रे जर्रे में है परमात्मा का एहसास,,, यह धरती फिर से हो जाए हरी-भरी काश,,, सब खुल कर ले फिर से सांस,,,,, #greenplanet #globalwarming #वसुंधरा #climatechange #शुद्ध_हवा