माफ करो प्रभू जी, मेरे चित का दर्पण साफ करो अब तक जो भी हुई गलतियां उन सब को माफ करो प्रभू जी, मेरे चित का दर्पण साफ करो ।। खुद को समझा पाक साफ मैं पर मन में रहा विकार भरा काम, क्रोध और लोभ-मोह का घडा तो अब भी नहीं भरा ।। मुझ को शरण में ले लो अपनी अब तो न उदास करो जीवन अब तक आम रहा कुझ अब तो प्रभू जी खास करो अब तक जो भी हुई गलतियां प्रभू जी मुझ को माफ करो धूल जमीं है चित पे मेरे मेरे चित का दर्पण साफ करो ।। ©Sushil Patial माफ करो #humantouch