तुमने ही सफ़र कराया था मोहब्बत की कश्ती का, अब नजरे ना चुराओ मुझे डूबता देख कर... तुमने ही सफ़र कराया था मोहब्बत की कश्ती का, अब नजरे ना चुराओ मुझे डूबता देख कर...