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मन का फूल तुम्हे अर्पण, क्रोध मोह का करता हूं तर्प

मन का फूल तुम्हे अर्पण,
क्रोध मोह का करता हूं तर्पण।
मन का फूल तुम्हे अर्पण,
जो कुछ हुआ आज तक,
कितनी तकलीफ़ पहुंचाई मैंने,
मेरे शब्दों से ठेस पहुंची हो,
तो मेरा सविनय समर्पण,
मन के फूल तुम्हे अर्पण।
कोशिश होगी मेरी,
शब्द ऐसे बोलू,
राज दिल के ना खोलू,
जिन्हे सुनकर हो सबको आकर्षण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण।
अब ऐसा प्रन निभाऊंगा,
लक्ष्य की ओर में जाऊंगा ,
कांटो भरी राह चल जाऊंगा ,
चाहे करना पड़े सबसे विकर्षण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण।
क्रोध मोह का करता हूं तर्पण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण। #love #commitments#life
मन का फूल तुम्हे अर्पण,
क्रोध मोह का करता हूं तर्पण।
मन का फूल तुम्हे अर्पण,
जो कुछ हुआ आज तक,
कितनी तकलीफ़ पहुंचाई मैंने,
मेरे शब्दों से ठेस पहुंची हो,
तो मेरा सविनय समर्पण,
मन के फूल तुम्हे अर्पण।
कोशिश होगी मेरी,
शब्द ऐसे बोलू,
राज दिल के ना खोलू,
जिन्हे सुनकर हो सबको आकर्षण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण।
अब ऐसा प्रन निभाऊंगा,
लक्ष्य की ओर में जाऊंगा ,
कांटो भरी राह चल जाऊंगा ,
चाहे करना पड़े सबसे विकर्षण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण।
क्रोध मोह का करता हूं तर्पण,
मन के फ़ूल तुम्हें अर्पण। #love #commitments#life
shubhampal9525

Shubham Pal

New Creator