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shubhampal9525
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Shubham Pal

I'm an poem writer and a civil engineer author writer

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Shubham Pal

गांव 
इसकी हकीकत वो क्या जाने,
जो शहर के पिजड़े को संसार माने,
लोगो को लगता है गांव के लोग गवार है,
उनकी नजरो में गांव वाले बेकार है,
इतिहास उठाकर देखो तुम,
किसी गलतफहमी में न हो गुम,
क्या लगता है क्या है गांव,
इस भारत की जड़ है गांव,
शहर को सिर मानते हो,
तो इसका धड़ है गांव,
जो चुनिंदा सब्जी और मुलायम रोटी खाते,
शुक्रिया अदा करो गांव का,
क्योंकि उसका उत्पादन करता है गांव,
जिस गांव को तुम कम आंक रहे हो,
उसमे कहा तुम झांक रहे हो,
उसने भगत सिंग आजाद दिए,
जिसने अपने जीवन को खाक किए,
एक गांव का निष्ठावान विद्यार्थी ,
जो pm बने लाल बहादुर शास्त्री,
छोड़ो कल की बात नई बात बताता हु,
जो सभी के अज्ञान की करता खिंचाई,
उस गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई,
इनका सब जन्म स्थल है गांव,
इन सबके दिल में बसता है जो,
उसे कहते है हम गांव,
जो शहरो को देते ठंडी छांव,
उसे कहते है गांव,
जब भी विपत्ति आई है ,
गांव ने नैया पार लगाई है,
कोरोना को भूल गए तुम,
गांव सबका ठिकाना था,
शहर वालो का गांव आशियाना था,

©Shubham Pal #village #City #Life #farmersprotest #India #Heart #writer #poem #my 

#footsteps
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Shubham Pal

वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है,

कल तक जो मां के लिए लड़ाई करते थे,
जोरू के कहने पर उसे छोड़ने को है,
अपने दिमाग में जोर डालो जरा,
जब तुम्हारी हर जरूरत बिना बोले समझी,
तुम्हे इतना लाड़ दिया संसार दिया,
भूल गए तुम उन लम्हों को,
आज वो असहाय क्या हुई,
तुम्हारा मन उसको छोड़ने को मचल सा गया है ,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है

नूर आता था तुम्हारे चेहरे पर,
जब मां मुस्कुराती थी,
अगर तुम खिलखिला जाओ,
तो उसकी आधी बुखार चली जाती थी,
तेज बुखार हो या ठिठुराती ठंड,
वो तुम्हे हरदम ताजा खाना खिलाती थी,
तुम्हे लेकर क्या सपने देखे थे उसने,
और आज तुम्हारे इस बर्ताव को देखकर,
लगता होगा क्यों किया सब मेने,
अब उसका मन भी मसल सा गया है,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है,

सेवा कर उसकी जन्नत मिलेगी,
तेरी सोई हुई तकदीर खिलेगी,
तुम जो कर रहे हो याद रखना,
इसका स्वाद तुम्हे भी है चखना,
याद रखो तुम्हारे भी दिन आयेगे,
तुम्हारे बच्चे तुम्हे यही सिखाएंगे,
जो कर रहे हो देख रहे है सब,
बच्चे होते निश्छल और रब,
जब ये सब सूत समेत मिलेगा,
तुम्हारा मन कितना गिलेगा,
अभी समय है बदलाव कर लो,
फिर तुम्हारी आत्मा को लगेगा,
कैसे सपने देखे थे उसने भी देखे होंगे,
पर मन अब ठग सा गया है,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा बदल सा गया है।
      शुभम पाल

©Shubham Pal #maa #we #you #Life #Love #story #poem #for 

#Hope
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Shubham Pal

वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है,

कल तक जो मां के लिए लड़ाई करते थे,
जोरू के कहने पर उसे छोड़ने को है,
अपने दिमाग में जोर डालो जरा,
जब तुम्हारी हर जरूरत बिना बोले समझी,
तुम्हे इतना लाड़ दिया संसार दिया,
भूल गए तुम उन लम्हों को,
आज वो असहाय क्या हुई,
तुम्हारा मन उसको छोड़ने को मचल सा गया है ,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है

नूर आता था तुम्हारे चेहरे पर,
जब मां मुस्कुराती थी,
अगर तुम खिलखिला जाओ,
तो उसकी आधी बुखार चली जाती थी,
तेज बुखार हो या ठिठुराती ठंड,
वो तुम्हे हरदम ताजा खाना खिलाती थी,
तुम्हे लेकर क्या सपने देखे थे उसने,
और आज तुम्हारे इस बर्ताव को देखकर,
लगता होगा क्यों किया सब मेने,
अब उसका मन भी मसल सा गया है,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा ढल सा गया है,

सेवा कर उसकी जन्नत मिलेगी,
तेरी सोई हुई तकदीर खिलेगी,
तुम जो कर रहे हो याद रखना,
इसका स्वाद तुम्हे भी है चखना,
याद रखो तुम्हारे भी दिन आयेगे,
तुम्हारे बच्चे तुम्हे यही सिखाएंगे,
जो कर रहे हो देख रहे है सब,
बच्चे होते निश्छल और रब,
जब ये सब सूद समेत मिलेगा,
तुम्हारा मन कितना गिलेगा,
अभी समय है बदलाव कर लो,
फिर तुम्हारी आत्मा को लगेगा,
कैसे सपने देखे थे उसने भी रहे होंगे,
पर मन अब ठग सा गया है,
वक्त कितना बदल सा गया है,
चेहरा भी थोड़ा बदल सा गया है।

©Shubham Pal #Life #मां #maa  #अनुभव #Poetry #for #Love #my #you 
#Hope
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Shubham Pal

हमने भी इश्क किया था,
हमने भी सड़कों पर रोया था,
अश्क के एक बूंद ने ,
पूरी रुह को भिगोया था,
जब दूर हुए हम,
उनको अहसास भी नही,
ये तो हमारा दिल जानता है,
उस रोज हमने क्या खोया था

©Shubham Pal #Love #इश्क #शायरी #my #विरह #this #दिल #for #vibrant_writer 

#proposeday
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Shubham Pal

कुछ  लोगों का गुरूर सातवे आसमान में हैं,
उन्हें शायद ये नही पता,
गुरुर रावण जैसों को ले डूबा,
वो तो फिर भी इंसान है।
शुभम पाल

©Shubham Pal #gurur #घमंड #जीवन #Insaan 

#City
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Shubham Pal

#Nojoto #लव #SAD #Broken #no 

#MeriBetaabi
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Shubham Pal

#Love #ishaq #mohabbat #pyaar #for #poem #na #Nojoto #Trending #viral
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Shubham Pal

आपकी सालगिरह से याद आ गया ,
आपका चेहरा नजरों में छा गया,

कैसे आप हमारी खामियां निकलते थे,
कैसे आप हमे संभालते थे,
जो कमजोरिया थी हम लोगो में,
कितनी आसानी उनका लेवल बिठालते थे,
आपका यही अंदाज हमे भांह गया,

आपकी सालगिरह से याद आ गया,
आपका चेहरा नजरों में छा गया,

कैसे आप हमे घर में पढ़ाते थे,
आपकी गैर मौजूदगी में ,
सर हमारा हौसला बढ़ाते थे,
आपकी सरकारी नोकरी से खुशी बहुत हुई,
पर आपके हमसे दूर जाने पर,
 मन आंखो पर आंसू ला गया ,

आपकी सालगिरह से याद आ गया,
आपका चेहरा नजरो में छा गया,

होली में अक्सर हम घर आते थे,
आप कितना मस्त चीला बनाते थे,
देखा है हमने आप दोनो की समझदारी से,
जीवन का हर दुख गोता खा गया,

आपकी सालगिरह से याद आ गया,
आपका चेहरा नजरो में छा गया।

आप दोनो का साथ यू ही बना रहे,
जब भी बात हो आप हमेशा हंसकर कहे,
खुशियां की नदिया आपके दुनिया  में,
कल कल करती संगीत सी बहे,
आप लोगो को देखकर लगता है,
रिश्ता भी सोचता होगा ,
कि में अपनी पूर्णता को पा गया,

आपकी सालगिरह से याद आ गया,
आपका चेहरा नजरों में छा गया।
      शुभम पाल

©Shubham Pal #Love #Marriage #anniversary #Dil #dhadkan #Life #

#Health  Mishri  Riya Soni
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Shubham Pal

#Love #Yadein #for 

#WritersSpecial
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Shubham Pal

#Bat #story #Life #Broken #safar
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