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समझते हो ख़ास हो, आम नहीं, तो तुम ख़ास नहीं! मैं

समझते हो ख़ास हो, आम नहीं, तो तुम ख़ास नहीं! 
मैं ज़रूर ख़ास हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ मैं ख़ास नहीं!

©Shubhro K
  #Poetry #19Aug2022
shubhrokdedas6046

Shubhro K

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Poetry #19Aug2022

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