किसी ने मेरे खातिर एक लम्हा भी चला तो मैंने अपना हर लम्हा लूटा दिया मैं सबको अपना समझता गया लोगों ने मुझे बेगाना बना दिया मालूम नहीं भगवान ने क्या कमी बनायी मुझमें की वक़्त निकलने पर ठुकरा कर दिया सबने पर ये भी है कि भगवान ने मुझे इतना काबिल जरूर बनाया है मुझे खोने वाला हर शख्स आँखों में समुन्दर ले कर रोया है कमी लोगों में नहीं ,कमी मुझमें होती है क्योंकि लोगों के चेहरे को देख कर ये आँखे उन्हें अपना मान लेती हैं कद्र वो लोग अक्सर मेरा करते हैं जो लोग मेरे बाद दुनिया को समझते हैं मैं जिस भी रिश्ते को थाम लूँ तो फिर उसे कुछ इस तरह निभाता हूँ की तन मन धन ही नहीं, उस पर अपना सब कुछ लुटाता हूँ गर कोई मुझसे दूर जाना चाहता है तो मैं उसे अपने आखिरी प्रयास तक समझाता हूँ मगर जब ये महसूस हो जाये कि वो सच में दूर जाना चाहता है तो कुछ इस तरह दूर जाता हूँ की हकीकत तो हकीकत सपने में भी नज़र नहीं आता हूँ ©Shayar Samar S M समर के जज्बात #Moon