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पीड़ा की परवाह नहीं हैं दूजी कोई राह नहीं हैं जो ज

पीड़ा की परवाह नहीं हैं
दूजी कोई राह नहीं हैं
जो जितना आगे जाता हैं
वो उतनी ठोकर खाता हैं
देखा हैं ऊंचे पर्वत पर
सबसे गहरे बादल छाए
फिर भी गीत खुशी के गाते














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©Kashish Singhani
  Sed_love
Kashish_blackheart

Sed_love Kashish_blackheart #शायरी

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