ना तो हम किसी के हुए, ना ही कोई अपना था, ज़िन्दगी के अंजान पथ पर, सिर्फ भटकना था। तुम्हें पाकर, डूबते को तिनके का सहारा मिला, तुमसे मिलकर ही पूरा हुआ, देखा जो सपना था। कोई जान ना पहचान, जब तुमने मुझे अपनाया, रौशनी बनकर अँधेरों में, तुमने मेरा साथ निभाया। तुमने मुझे संभाला, वरना निश्चित ही बहकना था, तुमसे मिलकर ही पूरा हुआ, देखा जो सपना था। ❤ Happy Rose Day ❤ 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 13 🎀 शीर्षक:- #तुमसे_मिलकर 🎀 कोई शब्द सीमा नहीं है।