ना सपनों में कोई घर है ना सपनों में कोई शहर है,किराये की ये जिंदगी बस एक हुनर पे फख्र है. कुछ नाम अपना भी होगा,कुछ मुकाम अपना भी होगा,यही ख्वाहिशों का शिखर है. क्या करने ऊंचे महल किनारे,ये ज़िन्दगी एक छोटी सी तो लहर है. ये चाँद भी अपना है ये सूरज भी अपना है,ये सारी कुदरत ही तो अपना घर है. बेवफा मेहबूब है हर लम्हा,गुजर गया तो सिर्फ हिज्र है. यादों के कारवां है रास्ते,चलते रहे तो सफर है रुक गए तो सबर है. क्या करनी मेरी तेरी मैंने यहाँ, जो मिला खुदा का है,ये वक़्त तो मेहनत से ही गुजर है। #Sapne_ka_ghar Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Babita Pandey Deepika Reenu Anu sweta gupta Babita Pandey kaur B 😊😊 varsha ✍️