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ए जिन्दगी !!!!! क्यों इतनी तकलीफ दे रही है जी रहा

ए जिन्दगी !!!!!
क्यों इतनी तकलीफ दे रही है 
जी रहा हूं तो जीने दे न 
क्यों इन सांसों की गिनती को मिटाती जा रही है ।
मेरी खामोशी तो अपनो से  थी 
आज नही तो कल अपने तो अपने हो ही जाते न ।।
ऐ जिंदगी तूने भी क्या खूब मजे लिए मेरे 
सपनों को पाने की राह में कुछ घुमाया मुझे इस कदर,
सपने तो सपने, अब अपने भी पराए से हो गए ।
चलो माना सपने गए तो क्या अपने तो होंगे
जिनकी पुकार से भर जाऊंगा हौसलों से और,
जिनके बस होने से लगती हर चोटी भी छोटी।
तूने  कहा की जैसा करेगा वैसा  सहेगा
चल बता ही दे तू अब ,कि  फूल पहले मेरी
आंगन मे खिलेगा या मेरी टंगी उस तस्वीर पर चढ़ेगा।
तुझसे बेरहम किसी ओर को न देखा मैने..,
सब ठीक हो जायेगा, सब ठीक हो जाएगा 
ये कह कह के तू देती जा रही दर्द हर दिन
चल बता भी  दे अब की और कितने बचे है मेरे दिन ।
शिकायत नही  पर मेरा उलझा मन, भटका तन तुझ्से पूछ रहा,
और कितने गम देगी, बस कर न, 
जिस्म तो क्या अब तो मेरी आत्मा भी सहम गई, मेरी आत्मा भी सहम गई।

©Samurai Prashant
  #dil se