Nojoto: Largest Storytelling Platform

इक बस तेरे इंतज़ार में... ख़ुशबू से सराबोर रजनीगं

इक बस तेरे इंतज़ार में...

ख़ुशबू से सराबोर
रजनीगंधा की
चाँदनी रात बिखरी थी छत पे...

दूर तलक बिछे थे
सुर्ख़ पलाश के फूल
दहकते से
घर के पिछवाड़े...

गमक उठा था घर-आँगन
किसी के आने के ख़्याल से...

रात सरकती रही
चाँद झाँकता रहा 
फूलों की ओट से...

ख़्वाब बुनता रहा मन!
कि तू अब आए, अब आए
बस इक इसी इंतज़ार में...

©Raj Alok Anand
  #तेरा_इंतजार