Nojoto: Largest Storytelling Platform

चंद्र शेखर आज़ाद अमर हैं (२६ जुलाई १९०६ - २७ फरवरी

चंद्र शेखर आज़ाद अमर हैं
(२६ जुलाई १९०६ - २७ फरवरी १९३१)

चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्‍म में हैं,
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।


आज़ाद रहे विचारों से
आज़ाद रहे मृत्यु से
चाबुक की मार पर "भारत माता की जय" बोलते रहे
एसे महान क्रांतिकारी जिन्होंने अंग्रेजों के मन भी डर बैठा दिया। ऎसे  महान स्वतत्रं सैनानी के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन।।


ऐसी जवानी किसी काम की नहीं जो अपनी मातृभुमि के काम न आ सके।

अगर अभी भी तुम्हारा खून नहीं खौला तो यह खून नहीं पानी हैं।

©Arjit bansal #भारतमाताकीजय 

#ChandraShekharAzaad
चंद्र शेखर आज़ाद अमर हैं
(२६ जुलाई १९०६ - २७ फरवरी १९३१)

चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्‍म में हैं,
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।


आज़ाद रहे विचारों से
आज़ाद रहे मृत्यु से
चाबुक की मार पर "भारत माता की जय" बोलते रहे
एसे महान क्रांतिकारी जिन्होंने अंग्रेजों के मन भी डर बैठा दिया। ऎसे  महान स्वतत्रं सैनानी के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन।।


ऐसी जवानी किसी काम की नहीं जो अपनी मातृभुमि के काम न आ सके।

अगर अभी भी तुम्हारा खून नहीं खौला तो यह खून नहीं पानी हैं।

©Arjit bansal #भारतमाताकीजय 

#ChandraShekharAzaad
ab2153247209217

Arjit bansal

New Creator