White फिक्र से याद आते हैं कभी एक दिन सुहानी थी कोई तलाश ना थी तारीखें बस बदलती थी हाल कुछ भी हो दिल में कोई मलाल न थी एक रास्ते थे कुछ दोस्त थे दिन वो सुहानी थी फिर हम तलते गये चलते गये मिटती गई निशाना बनती गई कुछ दास्तान आब देखो कितना अकेला है इन्सान ।। ©Tafizul Sambalpuri #sad_qoute शायरी दर्द Dhyaan mira