तुम्हें हर रोज़ मिला मैं, उन राहों में,, जिस राहों से तुम्हारा,,, गुजरना होता था,,,, मुझे तो तुम्हें देखकर,,,,, हर पल गुजारना होता था!! कोमल हृदय और, सादगी भरा व्यवहार तुम्हारा,, तुमसे बात करने की चाहत तो होती थी,,, पर मैं लजाने वाला इक बेचारा!! ना हम कभी तुमसे मिल सके, ना कभी तुमसे हम कुछ कह सके,, ना मेरे साथ कोई चमत्कार हुआ,,, ना तुम्हें कभी मुझसे प्यार हुआ!! ©पूर्वार्थ #कोमल_मन