तेरे पिछे ज़ालिम ज़माना काफ़ी है अभी बाज़ की असली उड़ान बाक़ी है यु तो रहो में आगे जाने की भीड़ काफी है दोस्तों मेरी ऊँची उडान पहचान बाकी है ©sanjay jalim ऊँची उड़ान