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दिख रहा है मुझको वो धुंधला नज़ारा । खिड़की के कपाट क

दिख रहा है मुझको वो धुंधला नज़ारा ।
खिड़की के कपाट को थर्राता,
चंचल हवा की अठखेलियों भरा,
मौसम का हसीन साया ।
आया है मेरे कमरे में धूप का एक टुकड़ा,
तिलमिला कर उठ गए, नन्हे वो धूल के गुच्छे,
उड़ चले किसी चाह में मंज़िल से अंजान ।
बादल सोचता है,क्यों नहीं 
मैं करता इनका स्वागत अभी ।
सूर्य के मुखद्वार पर खड़ा वो ये नहीं देखता;
जो धूप का टुकड़ा जो ले चला था उन धूमिल कणों को ।
खो गया है कहीं उसी के आसेब में । Windows in winters.

Click on #DhoopKeKisse for more musings on sunlight

Translation -

I can see that distant blurred view
Knocking on my window
दिख रहा है मुझको वो धुंधला नज़ारा ।
खिड़की के कपाट को थर्राता,
चंचल हवा की अठखेलियों भरा,
मौसम का हसीन साया ।
आया है मेरे कमरे में धूप का एक टुकड़ा,
तिलमिला कर उठ गए, नन्हे वो धूल के गुच्छे,
उड़ चले किसी चाह में मंज़िल से अंजान ।
बादल सोचता है,क्यों नहीं 
मैं करता इनका स्वागत अभी ।
सूर्य के मुखद्वार पर खड़ा वो ये नहीं देखता;
जो धूप का टुकड़ा जो ले चला था उन धूमिल कणों को ।
खो गया है कहीं उसी के आसेब में । Windows in winters.

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calmkazi6439

CalmKazi

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