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घूँघट के लाल ने स्त्री को उसके बोझ का कभी मलाल ह

घूँघट के लाल ने 
स्त्री को उसके बोझ का कभी 
मलाल होने ही नहीँ दिया ।
उसके घेरे में सिमटी अपनी पहचान 
को कभी सवाल होने ही नहीँ दिया।
घूँघट .... स्त्री के समर्पण भाव का फ़ख्त
दुरुपयोग था।
- अदिती कपीश अग्रवाल

 नमस्कार लेखकों!🌻 

मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। 

आज का शब्द ~ घूंघट

नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
घूँघट के लाल ने 
स्त्री को उसके बोझ का कभी 
मलाल होने ही नहीँ दिया ।
उसके घेरे में सिमटी अपनी पहचान 
को कभी सवाल होने ही नहीँ दिया।
घूँघट .... स्त्री के समर्पण भाव का फ़ख्त
दुरुपयोग था।
- अदिती कपीश अग्रवाल

 नमस्कार लेखकों!🌻 

मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। 

आज का शब्द ~ घूंघट

नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨

नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨ #yqdidi #YourQuoteAndMine #wotd #yqrestzone #collabwithrestzone #rzhindi #rzhwotd31