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Aditi mannulalji Agrawal
घूँघट के लाल ने स्त्री को उसके बोझ का कभी मलाल होने ही नहीँ दिया । उसके घेरे में सिमटी अपनी पहचान को कभी सवाल होने ही नहीँ दिया। घूँघट .... स्त्री के समर्पण भाव का फ़ख्त दुरुपयोग था। - अदिती कपीश अग्रवाल नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Aditi mannulalji Agrawal
कितना उचित और कितना औचित्य ?? कितनी प्रथा और कितनी व्यथा ?? कितना मर्यादित और कितना विवादित ?? कितनी हिफाज़त और कितनी जहालत ?? कितनी पनाह और कितना निबाह ?? घूँघट ... कितनी छाँव और कितना दाँव ?? - अदिती कपीश अग्रवाल नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Soulmate (Yuhee)
मेरी मर्ज़ी का है यूँही अस्तित्व इससे न नापना मैं शक्ति का एक रूप हूँ कभी हल्के में न लेना मुझे नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Sakshi Jasrotia
नारी की अजीब कहानी, घूँघट करे तो देहात, न करे तो बेशर्म॥ नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
... मोलिका
गर स्त्री का सम्मान घूंघट पे आश्रित है, तो क्या देखा है शक्ति या श्री को कभी घूंघट में..? गर घूंघट से स्त्री को सुरक्षित समझते हो, तो क्या देखा है कभी चण्डी या काली को घूंघट में..? जो कहते हो घूंघट है हया का द्योतक, तो क्या देखा है कभी गौरी या सती को घूंघट में..? गर घूंघट से आंकते हो एक स्त्री का चरित्र, तो क्या देखा है कभी राधा या रुक्मणि को घूंघट में..? गर फिर भी घूंघट है इतना जरूरी, तो बेशक रखो प्रथा के रूप में.. बनाकर उसको कदमों की जंजीरें, मत बनाओ इसे इक स्त्री की मजबूरी..!! नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Anita Saini
घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था लोक लाज का घूँघट से वांछित संबंध न था स्त्री को भी शिक्षा शास्त्रार्थ का समान अधिकार था मनवांछित जीवन साथी, वर चुनने का अधिकार था योग्य वर की खोज में पिता पुत्री का स्वयंवर करते थे देश परदेश के विशिष्ट अतिथियों में से श्रेष्ठ वर चुनते थे तब यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः जीवन का आधार था उस समय पुरूष को स्त्री का स्वतंत्र रूप स्वीकार था शनै शनै विदेशी आक्रांताओं के अधीन होते गए मन कर्म के साथ बुद्धि विवेक भी मलिन होते गए। तुर्कों की कुदृष्टि से बचाने को स्त्री को घूँघट ओढ़ाने लगे विचार बदलते गए स्त्री स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने लगे! बाद इसके ये हिंदू संस्कृति संस्कार का अभिन्न अंग बन गया स्त्री के गुण अवगुणों को परखने का समाज का ढंग बन गया अगर स्त्री वेशभूषा पर तर्क दे वो मुँहफट निर्लज्ज होती है हाँ! पर पुरूष के भद्दे कटाक्ष सही व नीयत स्वच्छ होती है घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था लोक लाज का घूँघट से वांछित संबंध न था स्त्री को भी शिक्षा शास्त्रार्थ का समान अधिकार था मनवांछित जीवन साथी, वर चुनने का अधिकार था
avantika sharma
जो रख लिए सर पर, पति के नाम का , ससुराल की इज्जत बन गया , जिसने कभी अपने घर में दुपट्टा तक, नहीं लिया था। नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
दि कु पां
घुंघट... दस्ता गुलामी की.. सुंदर दिखते चेहरों को पर्दों पीछे छिपाने की शायद शर्मिंदगी मर्दों की उजागर ना हो जाए कही उसे लुकाने की.. बंधन.. नाम पे मर्यादा के.. संस्कार के.. औरतों को बंधे पगहा को हर वक्त अहसास दिलाने की... नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Manju Sharma
घूंघट ओढ़ कर गाली देने वाली बहू से, घूंघट न ओढ़ कर सेवा करने वाली बहू बहुत अच्छी है। नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨
Shravan Goud
पहनावे में शालीनता ही घूंघट है। नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨