आसमान में उमड़ घुमड़ के बादल नाच नचाते हैं।।।। मेढ़क सब टर्राते है पक्षी चहचहाते है।। रिमझिम रिमझिम हुई बरसात आ गई बहारों वाली रात।। वर्षा ऋतु है कितनी खास बुझ जाए जन जन की प्यास।। आनन्दित है मन जन का कृषक करे खुशहाली की आस।।। इस दफा ध्यान ये रखना पानी का संरक्षण करना।। रखना सफाई का पूरा ध्यान ना हो कैसा भी नुकसान।।।। बनी रहे सबकी मुस्कान।।। kabhi bachpan mein likhi this #######barish####pe