Nojoto: Largest Storytelling Platform

छूटी नाव मैं नाव से नदी के रास्ते दोसर गांव जा रह

छूटी नाव

मैं नाव से नदी के रास्ते दोसर गांव जा रहा था। 
रास्ते में थककर एक गांव के किनारे रुक गया।
 मैं जब थोड़ा आराम करने के बाद वापिस जाने 
की सोची तो नव वहां नहीं थी नाव की रस्सी खुल के
 वो आगे जा चुकी थी।
मैं उसे पकड़ने के लिए नदी में कूदता की तभी मेरे
 सामान का ख्याल आ गया और मैंने हार मानकर 
नाव को जाने दिया।
हमारी जिंदगी भी हमें कई बार ऐसे मोड़ पर
 लाकर खड़ी कर देती है जहां नाव एक मौका 
होती है अपनी मंजिल तक जाने का और सामान 
होती हैं जिम्मेदारियां।
हम में से ज्यादातर लोग अपनी जिम्मेदारियों के 
खातिर छोड़ देते हैं मौका अपने सपनों का।
मैंने भी यही किया....।

©SHIVAM KARNE
  Rozz ka kissa
shivamkarne5006

SHIVAM KARNE

New Creator

Rozz ka kissa #Life

67 Views