कश्मीरियों को पैगाम...... खुबसूरत वादियां तेरे दामन बसर कर आए हैं खूनों से सनी धरती को मेंहदी रंग आए हैं तोड़ दी हमने "तीन सौ सत्तर" की जंजीरों को तू रह बसर कर ऐ मेरे "हमनवा" अपनी "ज़िगर" तुझे नज़र कर आये हैं #महफूज़_हो_गई_जन्नत