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ऐक दोस्त मेरा ऐक दुश्मन सा कोई अपना अपनाया रहा

   ऐक दोस्त मेरा
ऐक दुश्मन सा कोई 
अपना अपनाया रहा
रात भर इक चांद का साया रहा 🌷
................
वो शोर् वो  मोर
बांध लिया दिलं को बनकर
ईक डोर के रिष्ते
  उम्र भर दिल मे
बसाया रहा
रात भर इक चांद का साया रहा 🌷
...............
उसने दिखाये सपने कई
सपनो मे बसे थे अपने कई
अपनो ने मतलब देखा
मतलब से  उलझाया रहा 
 दुश्मन मेरा ऐक दोस्त भी है
कब्र उसे दफ्नाया रहा
बस सिर्फ
रात भर इक चांद का साया रहा

©King Akshu official
  #dostidushmni