आमने-सामने आमने- सामने. बोले तो बगल वालीं खिडकी मे घर है तेरा, छाया है आज अंधेरा कब होगा ये सवेरा, देखकर मुस्कुराना चाहता हु ये रोशन सा तुम्हारा चेहरा, तुम्हें मिलके है बताना कि किसी से दिल ना तुम लगाना, तुम्हारे बाहों मे ही मुझे जिंदगानी है बिताना. - Pravin suresh pawar (psp). आमने सामने