कल रात, फिर से शाम आई थी, मैं फिर से तन्हा था, तुम फिर से याद आई थी। कल रात,फिर से शाम आई थी, मैं फिर से तन्हा था, तुम फिर से याद आई थी। कल रात, फिर से शाम आई थी, बातों की पोटली, यादों का पिटारा और एक धुंधला चेहरा, अपने साथ ले आई थी।