क्या मैं इसे इंसाफ समझू-----(पीड़िता) मैं समझ नहीं पा रही हूं , की लोगों का दबाव समझू,की कानून का अनोखाअंदाज समझू, की मुझे मिला न्याय समझू या समझू इसे मैं खुदा का फैसला। पर क्या मैं इसे इंसाफ समझू? खुश भी हूं तो किस लिए ? मेरे क़ातिल मारे गए क्या इसलिए? रुको जरा, कुछ कहना है मुझे , कि मैं स्तब्ध हूं यह देखकर कि लोग इसे न्याय कह रहे हैं, अभी भी अंधेरे में ही रह रहे हैं । कोई तो इन्हें बतला दो कि यह न्याय नही, छलावा है , उठ रही आवाज को दबाने का केवल एक बहाना है , क्योंकि कुछ तो दिखलाना है । पर हां यह कोई कानून नहीं ,केवल एक अपवाद है। अफसोस तो इस बात का है ,कि लोगों का आक्रोश और संवेदना कुछ ही पल की तो बात है, फिर तो यह भी एक बीती हुई रात है। बस एक आखरी ख्वाहिश है देश की आवाम से ,उन सभी जवान से जो ऐसी हैवानियत और दरिनदगी के खिलाफ हैं, अपनी बहन, बेटियों की सुरक्षा की कर रहे मांग है। रुकना मत इस बार, चाहे करना पड़े अंतिम प्रहार। हर बलात्कारी ,दुष्कर्मी को हो एक ही सजा फाँसी, फाँसी और फाँसी.... बस एक बार लड़ जाना मेरी आत्मा की शांति के लिए, कोई कानून बनने तक वहीं अड़ जाना अपनी बहन,बेटियों की सुरक्षा के लिए।।😢😢😢😢😢😢😢A MESSAGE TO THE NATION****/*/ _SURYANSH MISHRA😑 #rape#justice#savegirl#thought#myword#writer#poem#merikalm Jagdish jangid dil💓 ki gahrai se 💑 Suman Zaniyan pooja negi# suman# help everyone... please share this message #justice