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तुम मौज हो नदियाँ की,मैं राह तकती किनारा छुकर मु

तुम मौज हो नदियाँ की,मैं राह तकती किनारा 

छुकर मुझे लौट जाते हो,जैसे मैं कोई हवा-ए-सर्द हूं

©Pushpa Rai
  #खामोशमोहब्बत