मैं:- मुट्ठी से फिसलती हुई रेत देखी है कभी ?
वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ?
मैं:- अक्सर उस रेत कि तरह फिसलता रहा है,
मेरा किरदार... मेरे अपनों के जहन से ।।
#मैंऔरवो
मैं:- #मुट्ठी से #फिसलती हुई #रेत देखी है कभी ?
वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ? #nagvendrasharma