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Nagvendra Sharma( Raghu)
मैं:- मुट्ठी से फिसलती हुई रेत देखी है कभी ? वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ? मैं:- अक्सर उस रेत कि तरह फिसलता रहा है, मेरा किरदार... मेरे अपनों के जहन से ।। मैं:- मुट्ठी से फिसलती हुई रेत देखी है कभी ? वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ? मैं:- अक्सर उस रेत कि तरह फिसलता रहा है, मेरा किरदार... मेरे अपनों के जहन से ।। #मैंऔरवो मैं:- #मुट्ठी से #फिसलती हुई #रेत देखी है कभी ? वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ?
मैं:- मुट्ठी से फिसलती हुई रेत देखी है कभी ? वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ? मैं:- अक्सर उस रेत कि तरह फिसलता रहा है, मेरा किरदार... मेरे अपनों के जहन से ।। #मैंऔरवो मैं:- #मुट्ठी से #फिसलती हुई #रेत देखी है कभी ? वो:- हाँ, देखी है ! पर ऐसा क्यु पुछ रहे हो ? #nagvendrasharma
read moreOMG INDIA WORLD
#ऐसी बला मैं, वैसे तो हाथ ना आऊं पर तेरी बातों पे मैं धीरे से #फिसलती जाऊँ ©OMG INDIA WORLD #ऐसी बला मैं, वैसे तो हाथ ना आऊं पर तेरी बातों पे मैं धीरे से #फिसलती जाऊँ #OMGINDIAWORLD
#ऐसी बला मैं, वैसे तो हाथ ना आऊं पर तेरी बातों पे मैं धीरे से #फिसलती जाऊँ #OMGINDIAWORLD #शायरी
read moreManeesh Ji
फ़िर से हाथों की लकीरें झूठी निकली फ़िर से इक़ हमसफ़र का साथ छूट गया #कितना_दुःख_होता_है_ना_एसा_होने_पर 😔😔 ............................................................................ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 #फ़िर से #हाथों की #लकीरें #झूठी #निकली #फ़िर से #इक़ #हमसफ़र का
#कितना_दुःख_होता_है_ना_एसा_होने_पर 😔😔 ............................................................................ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 #फ़िर से #हाथों की #लकीरें #झूठी #निकली #फ़िर से #इक़ #हमसफ़र का #Zindagi #ज़िंदगी #Gaya #रेत #Fir #शायरी #sath #shakhs #ret #Hamsafar #साथ #गया #छूट #jhuthi #HATHO #शख़्स #Fisal #फिसलती #Lakire #फ़िसल #fislati
read moreKavita Modani
Fate change when, उम्र उम्र जिन्दगी का तकाजा है। हर दिन ढलती जाती है, जिन्दगी में हम आगे बढ़ते है पर उम्र फिसलती जाती है। हंसता गाता बचपन निकाल जाता है। फिर आता है यौवन,जो कि जिम्मेदारियों के बोझ से दब जाता है। अन्तिम पड़ाव में बुढ़ापा बीमारियों की दस्तक देता है। बस इस जिन्दगी के इसी खेल में उम्र फिसलती जाती है। रेत का घरौंदा है यह उम्र। कब किसी का पांव पड़े और घरौंदा बिखर जाता है। जब घरौंदा टूटने वाला है तो क्यों ना इसे खुशियों से भर ले। जितनी भी उम्र है बस हंस के जी ले। क्योंकि उम्र जिन्दगी का तकाजा है हाथ से फिसलती जाएंगी। कविता मोदानी विनय इंटरनेशनल स्कूल #fate
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