माँ की गोद में लेट जाना , उसकी बातें सुनते सुनते ही सो जाना , वो माँ का आवाज़ लगाना और जानबूझकर अनसुना करना, वो छुप छुप कर माँ से, घर से निकलना और दोस्तो के साथ छू हो जाना, वो माँ का डाँटना ,कान पकड़कर माफी मांगना, वो माँ का सीने से लगाना , वो माँ का पापा की डाट की धमकी देना और खुद ही पापा की डांट से बचाना , वो रात को पापा के घर लौटने पर दरवाजे के पास छुप जाना , और वो पापा का डराना , और हमारा जोर जोर से हँसना, दादा दादी से पैसे लेने के लिए सबसे पहले भागना, और वो चॉक्लेट की दुकान में जाना , वो पढ़ाई के बहाने दोस्तो के साथ छू हो जाना, वो माँ - पापा को पता चलना और बहाने बनाना, वो भाई बहन का एक दूसरे को फसाना उसकी गलती थी केहकर भाग जाना , वो दादी के पीछे जाके छुपना और मार से बचना, वो छुट्टी के दिन जल्दी उठना , और स्कूल के टाइम बीमार होने का नाटक करना, वो दोस्तो के बीच बॉस बनकर रहना, वो खाते खाते घर से निकलना, और मस्त होकर अपनी ही धुन में रहना, न कोई चिंता ,न कोई गम, बस यहि थे वो बच्चपन के पल। आज अगर बच्चपन चला गया तो क्या हुआ, यादें तो आज भी है, दिल तो आज भी वही है, चाहे बच्चपन को जियो , या बच्चपना करके । बस खुश रहकर जियो। HAppy Children's Day #बच्चपन #My Quotes....Sona Nebhnani