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एक प्याला समुन्दर इन चक्षु में समर्पित कर बैठा हू

एक प्याला समुन्दर 
इन चक्षु में समर्पित कर बैठा हूँ, 
भार अति, फिर भी सब के प्रति 
एकसमान प्यार कर बैठा हूँ 

समस्त नदों की भांति मैं 
सभी को कुछ इस तरह
 अपने हृदय में समा रहा हूँ, 

दुःख पीड़ा होकर भी 
समस्त लोगों के प्रति
 उनके सम्मुख मुस्कुरा रहा हूँ 

चेतना होकर भी मैं विनम्रता के भाव से 
शांति का रूप इस जग को अपना दिखा रहा हूँ 

टकराव होता है हर किसी का मुझसे
 उसको भी मैं ख़ुशी से गले लगा रहा हूँ 
एक प्याला समुन्दर की भांति मैं अपना प्रेम 
इस संसार को दिखा रहा हूं !!

©Sandeep Rawat #ekpyalasamundar
एक प्याला समुन्दर 
इन चक्षु में समर्पित कर बैठा हूँ, 
भार अति, फिर भी सब के प्रति 
एकसमान प्यार कर बैठा हूँ 

समस्त नदों की भांति मैं 
सभी को कुछ इस तरह
 अपने हृदय में समा रहा हूँ, 

दुःख पीड़ा होकर भी 
समस्त लोगों के प्रति
 उनके सम्मुख मुस्कुरा रहा हूँ 

चेतना होकर भी मैं विनम्रता के भाव से 
शांति का रूप इस जग को अपना दिखा रहा हूँ 

टकराव होता है हर किसी का मुझसे
 उसको भी मैं ख़ुशी से गले लगा रहा हूँ 
एक प्याला समुन्दर की भांति मैं अपना प्रेम 
इस संसार को दिखा रहा हूं !!

©Sandeep Rawat #ekpyalasamundar