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बैठे थे इश्के ऐ किश्ती अब डूबे मँझदार में है ! अब

बैठे थे इश्के ऐ किश्ती अब डूबे मँझदार में है !
अब तो बयां करेगी ये कलम   
Hakikate e love 
तब तक.....
बचे जो दिन ज़िन्दगी के बिताने है!
ज़िन्दगी के कुछ अफ़साने है कुछ नए है कुछ पुराने है

©Manu Bajwa
  Hakikat  e love -4
manubajwa8933

Manu Bajwa

New Creator

Hakikat e love -4 #शायरी

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