सभी शरीक-ए-बज़्म-ए-नशात हम वहाँ नहीं थे, हमको मुसीबत का याराना और ग़म वहाँ नहीं थे اا उसे नाहक़ ये वहम था 'अबीर' मैकदे का आदी, रखा सर पे हाथ उसके खाई क़सम वहाँ नहीं थे اا बज़्म-ए-नशात - खुशी की महफ़िल, मैकदा - शराबखाना #रातकाअफ़साना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqtales #yqlove #yqaestheticthoughts