मौसम बड़ा रंगीन था, और हाल बड़ा संगीन था! मैने कहा रुको जरा बत्ती का जुगाड करे , लगाया फोन फिर वहीं मैंने जहां कभी जरीन था, कॉल उठा और आवाज आई, मैं आपकी किस तरह सहायता कर सकती हूं, फिर यही सुन कर दिल मेरा अब तलक गमगीन था.. ©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #earphone