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हंसमुख नायाब रातें मीठे सपने देतीं हैं, चंद रहम



हंसमुख नायाब रातें मीठे सपने देतीं हैं, 
चंद रहमदिल रातें सुकूँ से सोने देतीं हैं! 
चिमट जाती है अक्सर रातें पसलियों से, 
न ढलतीं हैं न मुझे सांस ही लेने देतीं हैं!

©Shubhro K
  #01Aug2022
shubhrokdedas6046

Shubhro K

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#01Aug2022

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